Tuesday, August 19, 2008

आज दुआ कीजिए

बीजिंग ओलंपिक में आज विजेंद्र और जीतेंद्र क्वार्टर फाइनल मुकाबले में क्रमशः इक्वाडोर के कार्लोस गोजोरा और रूस के जेओर्जी बालिक्शन से भिड़ेंगे। भिवानी के इन दोनों रणबांकुरों के लिए आज की जीत ही पदक का सपना साकार कर सकती है। इसलिए इनके लिए दुआ की जानी चाहिए। जितेंद्र का मैच शाम ०४ बजकर ४६ मिनट पर और विजेंद्र का मैच शाम ६ बजकर १६ मिनट पर होगा।

Friday, August 15, 2008

Tuesday, July 08, 2008

सोहणी सिटी की ऊंघती पुलिस

चंडीगढ़ पुलिस की लापरवाही की पोल रोज खुल रही है। चोर और झपटमार उससे ज्यादा तेज, मुस्तैद, होशियार और नियमित नजर आ रहे हैं। वे रोज किसी न किसी वारदात को अंजाम दे ही देते हैं। चेन स्नैचर्स तो महीनों से बेखौफ अपने काम में जुटे हैं। महिलाओं के बीच इनका आतंक कायम है। उन्होंने या तो चेन पहननी ही छोड़ दी है या अपने जोखिम पर यह शौक पूरा करती हैं। वारदात की लगातार शिकायतें मिलने से लगता है पुलिस अधिकारी भी इनके आदी हो गए हैं। उनके रवैये से तो कम से कम यही लगता है। नशा और अपराध जिस तरह से शहर में फलफूल रहे हैं, हो सकता है उसे पुलिस प्रशासन किसी आंकड़ेबाजी से ढक ले, मगर जनता का क्या? उसे तो यह सब भोगना पड़ रहा है। इस पुलिस की नींद कब टूटेगी, पब्लिक को इसका इंतजार रहेगा।

Sunday, June 29, 2008

दीपा का दीपक बनना अब मुमकिन नहीं

दीपा का आरोप है कि अजित के कहने पर ही वह ऑपरेशन करवाकर लड़का से लड़की बनी
दार्जिलिंग ज़िले में सिलीगुड़ी की दीपा घोष के जीवन में कुछ दिन पहले तक सब ठीक-ठाक था. कुछ दिनों पहले तक उनका नाम दीपक घोष था.
लेकिन अपने समलैंगिक मित्र अजित मंडल के बार-बार कहने पर कथित तौर पर उससे शादी करने के लिए दीपक ने ऑपरेशन के जरिए अपना लिंग परिवर्तन कराया और दीपक से दीपा बन गया.
यहीं से उसकी परेशानियों का सिलसिला शुरू हो गया. युवक से युवती बनने के बाद उसमें अजित की दिलचस्पी धीरे-धीरे कम हो गई.
उससे शादी तो दूर, शादी के डर से अजित बीते सप्ताह घर से ही फ़रार हो गया.
धोखा
पहले तो अजित लगातार मुझ पर लड़की बनने का दबाव डालता रहा. उसका कहना था कि हम शादी कर लेंगे. मैंने भी काफ़ी सोच-विचार के बाद उसकी बात मान ली

दीपा उर्फ़ दीपक घोष
अब दीपा न घर की रही है और न घाट की. जिस प्रेमी से शादी के लिए उसने जीवन का इतना बड़ा फैसला (लिंग परिवर्तन का) किया, उसने आंखें फेर लीं.
मुसीबत यह है कि अब वह दीपा से दीपक भी नहीं बन सकती है.
थक-हार कर उसने सिलीगुड़ी थाने की न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस चौकी में अजित के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है.
रांगापानी की रहने वाली दीपा ने अपनी शिकायत में कहा है कि अजित ने उस पर शादी के लिए लिंग परिवर्तन कराने का दबाव डाला था. लेकिन तीन महीने पहले हुए इस ऑपरेशन के बाद से वह कन्नी काटने लगा है.
पुलिस चौकी के प्रभारी पंकज थापा बताते हैं, "यह काफ़ी अनोखा मामला है. लेकिन दीपा की शिकायत के आधार पर पुलिस उसके फ़रार प्रेमी को तलाशने का प्रयास कर रही है."
शिकायत में बताया गया है कि अजित से दीपक दो साल पहले मिला था. उसके बाद दोनों एक-दूसरे के काफ़ी करीब आ गए और उनके समलैंगिक संबंध बन गए.
'बार गर्ल'
सिलीगुड़ी में मिलने पर अजित ने शादी से साफ़ इनकार कर दिया. उसके अगले दिन वह किसी को कुछ बताए बिना फ़रार हो गया

दीपा
एक साल बाद दीपक एक नौकरी के सिलसिले में मुंबई चला गया. लेकिन दोनों के बीच फ़ोन और ख़तों के ज़रिए संपर्क बना रहा.
इस बीच, अजित उस पर लिंग परिवर्तन के लिए लगातार दबाव डालता रहा. आख़िर दीपक मुंबई में एक ऑपरेशन के ज़रिए दीपा बन गया.
उसके बाद एक परिचित की सहायता से उसने मुंबई में ही बार गर्ल की नौकरी कर ली.
दीपा बताती है, "पहले तो अजित लगातार मुझ पर लड़की बनने का दबाव डालता रहा. उसका कहना था कि हम शादी कर लेंगे. मैंने भी काफ़ी सोच-विचार के बाद उसकी बात मान ली."
वह बताती है, "ऑपरेशन कामयाब रहने के बाद अचानक अजित का रवैया बदलने लगा. वह मुझसे कन्नी काटने का प्रयास करने लगा. न फ़ोन पर बात करता था और न ही पत्रों का जवाब देता था.इसलिए मैंने बीते सप्ताह मुंबई से सिलीगुड़ी लौटने का फ़ैसला किया."
दीपा का कहना है, "सिलीगुड़ी में मिलने पर अजित ने शादी से साफ़ इनकार कर दिया. उसके अगले दिन वह किसी को कुछ बताए बिना फ़रार हो गया."
'साज़िश'
पुलिस अधिकारी थापा कहते हैं, "अजित के घरवालों को उसके समलैंगिक होने की कोई जानकारी नहीं है. उनके मां-बाप का कहना है कि दीपा उनके 23 साल के भोले-भाले बेटे को फंसाने की साज़िश रच रही है."
लेकिन अजित के प्यार में पागल दीपा अब भी उसे माफ़ करने को तैयार है.
मुंबई में नौकरी से बढ़िया पैसे कमाने वाली दीपा कहती है, "पैसा मेरे लिए कोई समस्या नहीं है. पर मैं अजित से प्यार करती हूं. उससे शादी कर मैं अपना सपना पूरा करना चाहती हूं. लेकिन उसे मेरे प्यार के अपमान का कोई अधिकार नहीं है."
दीपा का सपना पूरा होता है या नहीं, यह तो समय बताएगा लेकिन फिलहाल सिलीगुड़ी पुलिस उसके कथित प्रेमी अजित की तलाश में जुटी

Thursday, June 26, 2008

haryana police

यहां थाने इसलिए खड़े किए गए हैं ताकि सरकारी दारोगा किसी अबला की इज्जत पर हाथ डाल सके
इस तार-तार इज्जत की सिलाई कहीं नहीं होती
यहां दारोगा से ऊपर सरकार है
पर बिरादरी से ऊपर वह भी नहीं।
अबला की इज्जत नहीं
यहां बिरादरी तय करती है
दारोगा की सजा।
यह सरकार घड़ती है दारोगा के क्लोन
बनाती है एक के बाद एक थाने उनमें तैनात होते हैं
एक के बाद एक दारोगा
कोई जयसिंह है
कोई बलराज सिंह
और कोई सीलक राम।
हां साहब।
यो से देसा में देस हरियाणा
जित दूध-दही का खाणा।
कभी यह कहने वाले
अब माथे पर हाथ रख सिर्फ इतना ही कह पाते हैं
यो किसा देसा में देस हरियाणा
जित थाणें बने बलात्कार का ठिकाना।
मैं पूछता हूं
ये कौन हैं जो मेरे हरियाणा की तसवीर बिगाड़ रहे हैं
पर हुड्डा साहब मौन हैं।
- सुधीर राघव

Thursday, June 19, 2008

सुधीर राघव की कविता

सोचता हूं, घर से बाहर निकलूं
पर कहां?
घर से बाहर हैं घरों की कतारें
इनके बीच सड़कों पर रेंगती भीड़
कुछ पेड़ हैं, जो लगा दिए गए हैं किनारे।
सोचता हूं, इस शहर से बाहर चलूं
पर कहां?
शहर के बाहर बसे हैं बहुतेरे शहर
इनके बीच दौड़ती है भूख इनसान का भेस बनाकर
कुछ खेत हैं, जो चढ़ने वाले हैं किसी सेज (अब सेठ नहीं) की नजर।
सोचता हूं, देश से बाहर उड़ूं पर कहां?
देश के बाहर हैं बहुत से देश
इनके बीच के समन्दर पर तभी पुल बनता है जब जीतनी हो कोई जंग
कुछ कश्तियां हैं पर अलग हैं सबके भेस।
यह मेरी जड़ता है
या मुझमें नहीं है इतनी भूख कि निकल सकूं
इस घर
इस शहर
या
देश से बाहर।
-सुधीर राघव

सोहणी सिटी

सोहणी सिटी चंडीगढ़ में प्रशासन ने वीरवार को दो अच्छे कदम उठाए। पहला कदम तो यह कि व्यापारियों को बिल्डिंग लॉ में कई संशोधन कर व्यापारियों को राहत दी गई। दूसरा यह कि अब शहर में पीकर गाड़ी चलाने वालों को सीधे हवालात जाना होगा। यह दोनों ही काम बेहद जरूरी थे। समय के साथ ग्राहक बढ़ रहे हैं मगर जगह के बिस्तार की गुंजाइश नहीं। ऐसे में दुकानदारों को बेसमेंट बनाने की इजाजत देना सचमुच सही कदम है। इस तरह शराब पीकर हुड़दंग करने वालों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ रही है। ऐसे में प्रशासन के इन प्रयासों से कुछ राहत मिलेगी ही।